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छोटे कपड़े वाली बहू | Chote Kapde Wali Bahu | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

आज की इस कहानी का नाम है - " छोटे कपड़े वाली बहू " यह एक Saas Bahu Ki Kahani है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Bedtime Stories पढ़ने
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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है - " छोटे कपड़े वाली बहू " यह एक Saas Bahu Ki Kahani है। अगर आपको Hindi Kahani, Moral Story in Hindi या Bedtime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।

छोटे कपड़े वाली बहू | Chote Kapde Wali Bahu | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories

Chote Kapde Wali Bahu | Saas Bahu | Moral Stories | Saas Bahu Ki Kahani | Bed Time Story | Hindi Stories



 छोटे कपड़े वाली बहू 

आईने के सामने खड़ी होकर रितिका तैयार हो रही थी। उसने मिनी ड्रेस पहन रखी थी। 

लाल रंग की लिपस्टिक और आँखों में काजल लगा कर वो बहुत ही सुंदर दिख रही थी। 

उसने बाल में अच्छे से जूड़ा भी बनाया था। अपनी खूबसूरती को आईने में निहारते हुए वो गालों में पाउडर लगा रही थी। 

रितिका," थोड़ा टच अप और कर लेती हूँ। शादी में जाना है तो मेकअप तो थोड़ा हेवी होना चाहिए ना ? 

तभी तो लोगों की नजर दूल्हा दुल्हन के अलावा मुझ पर भी पड़ेगी। "

कुछ देर बाद वो पूरी तरह तैयार हो गई लेकिन उसे डीईओ नहीं मिल रहा था। उसने इधर उधर देखा लेकिन डीईओ नहीं दिखा। 

रितिका," ओह ! ये डीईओ कहाँ चला गया ? यही तो रखा था। रवि से पूछती हूँ। "

उसके बाद उसने ऊंची हील वाली सैंडल पहनी और खटखट करती हुई ड्रॉइंगरूम में आयी जहाँ उसका हस्बैंड रवि मोबाइल में गेम खेल रहा था।

रितिका," तुमने मेरा डीईओ देखा है क्या ? "


लेकिन रवि मोबाइल गेम में इतना व्यस्त था कि उसने अपनी वाइफ की बात सुनी ही नहीं। 

एक दो बार रितिका ने फिर से रवि से वही बात पूछी लेकिन वो तो मोबाइल गेम में पूरी तरह घुसा हुआ था। 

ये देखकर रितिका को गुस्सा आ गया और वो रवि के पास गई और उसके हाथ से उसका मोबाइल छीन लिया।

रवि," अरे ! ये ये तुम क्या कर रही हो ? "

ये बोलकर उसने जैसे ही अपनी पत्नी की ओर देखा, वो देखता ही रह गया। कुछ देर रितिका भी उसे घूरते हुए देखती रही और फिर कहा।

रितिका," क्या बात है ? तुम मुझे ऐसे घूर कर क्यों देख रहे हो ? पहले तुमने मुझे कभी देखा नहीं है क्या ? "

रवि," तुम ये पहनकर जा रही हो शादी में, इस मिनी स्कर्ट में ? "

रितिका," क्यों..? कुछ खराबी है क्या इसमें ? "

रवि," अरे ! नहीं नहीं, खराबी नहीं है। लेकिन तुम्हें पता है ना कि कितनी ठंड है बाहर ? 

हर दिन न्यूज़ में ठंड के कहर की खबर छप रही है। अगर तुम ऐसी ड्रेस में जाओगी तो लोग क्या कहेंगे ? "

रितिका," शादी के पहले तो तुम बड़े मॉडर्न बनते थे। शादी के बाद तुम भी टिपिकल मर्द हो गए हो। अरे ! लोग क्या कहेंगे, ये सोचकर मैं कपड़े पहनना छोड़ दूँ ? 

अजी सुनो... मुझे नहीं जाना तुम्हारे साथ शादी में, तुम्हीं जाओ अकेले। "

ये कहकर रितिका गुस्से में अपने कमरे में जाने लगी तो रवि ने उसका हाथ पकड़ लिया। 

रितिका," छोड़ो... छोड़ो मेरा हाथ, सारे के सारे मर्द एक जैसे ही होते हैं। शादी के पहले उनका अलग चेहरा होता है और शादी के बाद तो उन्हें लगता है कि औरतें बस उनके इशारों पर चलती रहे। वो जो चाहे, औरतें वही करें। 

जो चाहे पहनें, जो चाहे खाएं, जहाँ वो चाहे औरतें जाएं। अरे ! आप लोग को पत्नी नहीं दासी चाहिए होती है। "

रवि," रितिका देखो, तुम बात को क्यों खींच रही हो ? "

रितिका," मैं खींच रही हूँ ? लो कर लो बात... शादी में मैं क्या पहनूं क्या ना पहनूं, ये अब आप डिसाइड करेंगे ? "


रवि," रितिका, मैं ये कह रहा हूँ कि मैं तुम्हारे कपड़े डिसाइड करूँगा। तुम्हें जो पहनना है पहनो लेकिन तुम देख रही हो ना कितनी सर्दी है ? अगर इन छोटे कपड़ों में तुम बाहर जाओगी तो बीमार होने का डर है। "

रितिका," बीमार..? बीमार तो बहाना है रवि, तुम खुद नहीं चाहते कि मैं तुम्हारे साथ शादी में ऐसे कपड़ों में जाऊं। "

रवि," नहीं आशना, ऐसा बिल्कुल नहीं है। तुम्हारा अगर मिनी ड्रेस में ही शादी अटेंड करने का मन है तो नो प्रॉब्लम। "


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रवि बात ज्यादा बढ़ाना नहीं चाहता था क्योंकि उसे पता था कि रितिका सुनेगी नहीं। रितिका मिनी ड्रेस में ही शादी में पहुँच गई। 

वहाँ सभी की नजर उसी पर टिक गई। सभी उसे घूर घूरकर देख रहे थे। रवि को थोड़ा अजीब महसूस हो रहा था लेकिन रितिका तो बहुत खुश थी।

रितिका," देख रहे हो, सभी मुझे कैसे घूर घूरकर देख रहे हैं ? लगता है मैं कुछ ज्यादा ही ब्यूटीफुल लग रही हूँ और एक तुम थे जिसने घर पर कितनी नौटंकी की इन कपड़ों को लेकर ? "

रवि ने रितिका की बातों का कोई जवाब नहीं दिया। उधर रवि के सामने तो नहीं लेकिन उसकी पीठ पीछे सभी रितिका के कपड़ों को लेकर बातें बना रहे थे।

शर्मा," अरे यार ! रबी की वाइफ को क्या हो गया, वर्मा ? देख रहे हो कैसी ड्रेस पहन के आई है ? "

वर्मा," अच्छी तो है ड्रेस, शर्मा। "

शर्मा ," अरे ! ड्रेस तो अच्छी है लेकिन इतनी सर्दी में कौन ऐसी ड्रेस पहनता है भाई ? गजब हाल है भाई, गजब हाल है। "

वर्मा," अरे ! जिसने ऐसे कपड़े पहने हैं, उसे सर्दी नहीं लग रही तो तुम क्यों अपना खून जला रहे हो ? 

चलो अब पेट पूजा का समय हो गया है। सुना है... शादी में फाइव स्टार होटेल के शैव बुलाए गए हैं। "

खाना खाते वक्त भी सभी की नजर रितिका पर ही थी लेकिन रितिका को लग रहा था कि सभी उसकी खूबसूरती को निहार रहे हैं। 


रितिका," रवि, सभी लोग मुझे घूर रहे हैं और एक तुम हो कि खाने पर टूट पड़े हो। एक सेल्फी तो ले लो। "

रवि," हाँ सेल्फि, हाँ हाँ रुको, मैं हाथ धोकर आता हूँ। "

रवि ने हाथ धोकर सेल्फी ली। जैसे जैसे रात बढ़ रही थी, सर्दी और भी ज्यादा बढ़ रही थी। 

सभी लोगों ने तो गर्म कपड़े पहन रखे थे तो उन्हें कुछ खास फर्क नहीं पड़ रहा था लेकिन रितिका की हालत अब थोड़ी खराब हो रही थी। 

रितिका ," रवि, बहुत ठंड लग रही है। अब घर चलें । "

रवि," घर..? शादी देखनी नहीं क्या तुम्हें ? "

रितिका," नहीं रवि, इतना पेशेंस नहीं है मुझ में रवि। "

और रितिका अपनी कार से घर वापस लौट आई। 

अगले दिन...
रितिका ने रवि को कांपते हुए जगाया। 

रितिका," रवि... रवि उठो ना ? "

रवि ," क्या हुआ रितिका, तुम इस तरह कांप क्यों रही हो ? "

रवि ने आशना के सिर पर हाथ रखा तो वो तवे की तरह गर्म था।

रवि," रितिका, तुम्हें तो तेज़ बुखार है। "

रवि ने अपनी बात भी खत्म नहीं की थी कि रितिका ने कहा।

रितिका," रवि उलटी... उलटी आ रही है मुझे। वॉशरूम ले चलो मुझे। "

आशना को लगातार उल्टी तो हो ही रही थी, उसे दस्त भी लग गए थे। 

रितिका," रवि, बहुत वीकनेस लग रही है... बहुत ही ज्यादा। "

ये कहकर रितिका जमीन पर गिर पड़ी। उसे सांस लेने में भी अब दिक्कत हो रही थी। 

रवि," रितिका, क्या हुआ तुम्हें ? आँखें खोलो अपनी। "

रितिका का शरीर ठंडा होता जा रहा था। उसकी हालत देखकर रवि बहुत डर गया और उसी समय उसे अपनी पीठ पर लादकर नीचे ले गया और फिर कार से हॉस्पिटल। डॉक्टरों ने रितिका का चेकअप किया। 

डॉक्टर," उन्हें इमिडिएट अडमिट करिये। इनकी हालत बिल्कुल ठीक नहीं है। "

रितिका को आइसीयू में ऐडमिट किया गया। उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया क्योंकि वो ठीक से सांस नहीं ले पा रही थी। पूरी रात वो उसी तरह अस्पताल में रही। 

अगले दिन...
रवि," डॉक्टर साहब, आखिर आप लोग कुछ बोलते क्यों नहीं ? अच्छी भली तो थी मेरी बीवी, अचानक से उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर क्यों रखा है आपने ? कोई चिंता की बात है क्या ? "


डॉक्टर," हाँ हाँ, चिंता की बात तो है। उनका जस्ट पूरी तरह से जाम हो गया है। सीबिया निमोनिया हो गया है उन्हें। 

उन्हें भयानक ठंड लगी है। हम दवाई से जस्ट क्लियर करने की कोशिश कर रहे हैं। 

अगर उससे हो गया तो ठीक नहीं तो हमें किसी और तरीके से जस्ट का बलगम निकालना होगा। जब तक जस्ट क्लियर नहीं होगा, वो ठीक से सांस नहीं ले पाएंगी। "

डॉक्टर की बात को सुनकर रवि का चेहरा पीला पड़ गया। उसे कल रात की सारी बात याद आ गयी।

रवि (मन में)," मैंने कितना मना किया था उसे ? लेकिन उसने मेरी बात मानी नहीं। ईश्वर ! रितिका को ठीक कर दो। "

पूरी रात रवि रितिका के लिए भगवान से प्रार्थना करता रहा। लेकिन अगले 2 दिन तक रितिका की तबियत में कोई सुधार नहीं आया और तीसरे दिन की बात है। 

रात का समय था। रवि अस्पताल के बाहर बैठा हुआ था। उसे नींद आ रही थी, तभी एक डॉक्टर उसके पास आए और उन्होंने कहा।

डॉक्टर," आई ऐम सॉरी, हम आपकी पत्नी को नहीं बचा सके। "

डॉक्टर की ये बात सुनकर रवि की आँखों के आगे अंधेरा छा गया। वो भागा भागा आइसीयू में गया और वहाँ जाकर उसकी सांसे थम सी गई। सफेद कपड़ों में लिपटी उसकी आशना शान से लेटी हुई थी। 

रवि," रितिका... रितिका तुम मुझे ऐसा छोड़कर नहीं जा सकती, नहीं जा सकती। कैसे जिऊंगा मैं तेरे बिना... कैसे ? 

प्लीज़ रितिका उठ जाओ, उठ जाओ मेरे खातिर। प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ उठ जाओ। मुझे इस तरह के सफर में अकेला छोड़कर मत जाओ।"

डॉक्टर," आप इस तरह चिल्ला क्यों रहे है ? "

रवि," डॉक्टर, मेरी पत्नी... मेरी पत्नी मर गयी। "

डॉक्टर," ये आप क्या कह रहे हैं ? आपकी पत्नी अब खतरे से बाहर है, यही कहने तो मैं आया हूँ। आप उनसे मिल सकते हैं। "

रवि को अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था। 


रवि (मन में)," इसका मतलब वो जो देख रहा था, वो सब सपना था ? हे भगवान ! कितना बुरा सपना था वो ? "

वो भागकर आइसीयू में गया। रितिका अब होश में आ चुकी थी। उसने जैसे ही रवि को देखा तो वह ज़ोर ज़ोर से रोने लगी। 


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रितिका," आई ऐम सॉरी रवि, आई ऐम सॉरी। मैंने अपनी गलती के कारण तुम्हे बहुत परेशान किया ना ? सॉरी, अब मैं कभी छोटे कपड़े नहीं पहनूंगी। "

रवि," नहीं रितिका, कपड़ों में बुराइ नहीं है। बस हर कपड़े का एक समय होता है। अब स्विमिंग पूल में हम लूँगी पहनकर रहेंगे तो कितने फनी लगेंगे... क्यों हैं ना? "

रवि की बातों को सुनकर रितिका ने उसे मुस्कुराते हुए गले लगा लिया।


आज की ये ख़ास और मज़ेदार कहानी आपको कैसी लगी ? नीचे Cooment में जरूर बताएं।

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हेलो दोस्तों ! मैं हूं आपका अपना दोस्त, प्रदीप। यहां मैं कुछ अनोखी कहानियों के साथ आपका मनोरंजन करूंगा। अगर आपको हमारा लेखन कार्य पसंद आए तो हमें Support करें और अपना प्यार बनाए रखें।

1 टिप्पणी

  1. Bahut badhiya
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