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प्यार तो होना ही था - (भाग - 5) | Pyar to hona hi tha | Love Story | Love Story in Hindi | Best Love Story | Romantic Love Story

आज की कहानी का नाम है - " प्यार तो होना ही था "। यह इस कहानी का अंतिम भाग (भाग -5) है। यह एक Romantic Love Story है। अगर आप भी Love Story पढ़ें।
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हेलो दोस्तों ! कहानी की इस नई Series में हम लेकर आए हैं आपके लिए एक और नई कहानी। आज की कहानी का नाम है - " प्यार तो होना ही था "। यह इस कहानी का अंतिम भाग (भाग -5) है। यह एक Romantic Love Story है। अगर आप भी Love Story, Romantic Story या Hindi Love Story पढ़ना पसंद करते हैं तो कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।

प्यार तो होना ही था - (भाग - 5) | Pyar to hona hi tha | Love Story | Love Story in Hindi | Best Love Story | Romantic Love Story

Pyar to hona hi tha | Love Story | Love Story in Hindi | Best Love Story | Romantic Love Story



अब तक आपने पढ़ा...
रिहान रिश्ते की बात करने नैना के घर आया हुआ है। उसके साथ उसके दो दोस्त (रोहित और कबीर) भी हैं। रिहान और नैना के रिश्ते की आड़ में कबीर अपनी लव स्टोरी बनाने लगता है। वह श्रेया को खूब तंग करता है।

अब आगे...
कबीर, रेहान और रोहित अब नैना के घर से चले जाते हैं। इधर नैना श्रेया को छेड़ती है।

नैना," कबीर जी का पेमेंट किया था या नहीं ? "

श्रेया (चिढ़ते हुए)," क्या नैना दी आप भी ? अब आप भी मत शुरू हो जाइए। एक लोग कम है जो अब आप भी शुरू हो गईं। "

नैना (श्रेया को गले लगाते हुए)," अरे ! मैं तो बस यूं ही बोल रही थी। पर पता नहीं क्यों ऐसा लगता है कि कबीर जी तुझे पसंद करते हैं ? "

श्रेया (हंसते हुए)," कुछ भी दी... आप भी पता नहीं क्या क्या सोचती रहती हैं। "

रात में सब अब डिन्नर करके अपने अपने रूम में चले जाते हैं। तभी श्रेया अपने रूम में जाती है और सोने की कोशिश करती है। 


लेकिन जैसे ही वह अपनी आँखें बंद करती है, वैसे ही उसे कबीर जी का चेहरा नजर आता है और उसकी आंखें फिर से खुल जाती हैं।

ऐसे ही कॉफ़ी देर तक श्रेया परेशान रहती है। वो कभी अपनी बालकनी पे जाती तो कभी किताबें पढ़ती‌ है, पर कबीर जी का चेहरा और उसकी आवाजें सुनाई देना बंद नहीं होती हैं। 

फिर श्रेया के फ़ोन की बैल बजती है। रात के 12 बज रहे थे। देखा तो अननोन नंबर था। श्रेया ने कॉल कट कर दिया। उधर से फिर से कॉल आता है। 

काल रिसीव ना होने पर टेक्स्ट मैसेज आता है... श्रेया जी काल तो उठाइए। मुझे पता है आपको नींद नहीं आ रही होगी। तभी उसे फिर से कॉल आता है। 

श्रेया," हेलो कौन..? "

कबीर," अरे ! बड़ी जल्दी भूल गई आप तो। अभी दिन में ही मिले थे। "

श्रेया," अच्छा कबीर जी, इतनी रात को कैसे याद किया ? "

कबीर," अरे ! बस नींद नहीं आ रही थी तो हम सोचे लाओ आपको फिर से याद दिला देते हैं। "

श्रेया और कबीर काफी देर तक बातें करते रहे। बात करते करते दोनों को नींद आने लगती है। 

श्रेया," ठीक है कबीर जी, चलिए अब सो जाइए... गुड नाइट। "

ऐसे ही कुछ दिन तक उन दोनों की बातें होती हैं। वो दोनों अब कॉफ़ी हद तक एक दूसरे को जानने लगे थे। 

श्रेया को भी कबीर का साथ अच्छा लगने लगा था। जिस दिन उन दोनों की बात नहीं होती थी, दोनों ही अजीब सा महसूस करते थे। 

वो दोनों एक दूसरे को काफी पसंद करते थे। श्रेया भी शायद अब कबीर को पसंद करने लगी थी। 

धीरे धीरे करके रिहान और नैना की शादी का दिन करीब आ गया। जैसा कि नैना के पापा ने कहा था कि शादी एक ही जगह होगी और उसके सारे फंक्शन साथ में मनाये जाएंगे।

इस हिसाब से अब रिहान, कबीर और रोहित अब नैना के घर आ जाते हैं। धीरे धीरे सारी तैयारियां शुरू हो जाती हैं। 

कबीर और नैना भी एक दूसरे के साथ काफी टाइम स्पेंड करने लगते हैं। एक दिन कबीर सोचता है कि अब मुझे श्रेया को प्रपोज करना होगा। 

रोहित की हेल्प से ऊपर टेरेस की डेकोरेशन करवाता है और सारे अरएन्जमेंट्स करता है जिससे वो अपनी दिल की बात श्रेया को बता सके। 

नैना श्रेया को ऊपर टेरेस पर लेकर जाती है। वहाँ वो पहुँचकर ये सब देखती है और सरप्राइज़ हो जाती है। 

तभी कबीर अपने हाथों में गुलाब का गुलदस्ता लेकर आता है और अपने घुटनों के बल बैठकर श्रेया को प्रपोज करता है।

कबीर," आई जस्ट ओनली टेल वॅन थिंग... आई लव यू सो मच फ्रोम दी फर्स्ट डे ऑफ़ अवर मीटिंग डॉट श्रेया। "

ये सब देखकर श्रेया कॉफ़ी डर जाती है कि वह क्या कहे ? 


कबीर," श्रेया, तुम्हें मैं अपनी जीवन संगिनी बनाना चाहता हूँ और यही हमारा बजट है जिसे तुम्हें पूरा करना है। "

श्रेया," कबीर जी, ये सब क्या है ? हमारे बारे में दी जीजू क्या सोचेंगे ? "

तभी पीछे से सारे घर वाले आ जाते हैं। 

नैना के पापा," बेटा, कोई कुछ नहीं सोचेगा। हमें सब पता है। कबीर ने मुझे पहले ही बता दिया था और तुम्हारा हाथ हमसे मांग लिया था। "

श्रेया हां में सिर हिलाते हुए स्माइल करती है। ये देखकर कबीर ने श्रेया को अपनी गोद में उठा लिया और घुमाने लगा। 

नैना के पिता," चलो अब एक पंथ दो काज हो जाएगा। "

शादी की खुशी दोगुनी हो गई। तब कबीर और रिहान की शादी हो गई दोनों बहनों के साथ। 

इसी के साथ ये कहानी यहीं पूरी तरह समाप्त होती है। हम जानते हैं जब हमारे प्रिय पाठक किसी प्रेम कहानी को शुरू से अंत तक पढ़ते हैं तो अंतिम भाग पढ़ने के बाद उन्हें काफी बुरा लगता है। 

क्योंकि कहानी पढ़ते हुए वो उस कहानी से जुड़ जाते हैं और अंतिम भाग के बाद मजबूरन उन्हें उस प्रेम कहानी से दूर होना पड़ता है। 

लेकिन हिंदी कहानी बाज़ ने हमेशा अपने पाठकों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने की सोची है। 

इसलिए यहां हमने पहले से ही कई प्रेम कहानियां प्रकाशित की हुई हैं ताकि आप एक प्रेम कहानी समाप्त होने के बाद दूसरी प्रेम कहानी पढ़ना शुरू कर सकें। धन्यवाद..!

आप इस वेबसाइट पर किस तरह की प्रेम कहानियां पढ़ना चाहते हैं, Comment में हमें जरूर बताएं।
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हेलो दोस्तों ! मैं हूं आपका अपना दोस्त, प्रदीप। यहां मैं कुछ अनोखी कहानियों के साथ आपका मनोरंजन करूंगा। अगर आपको हमारा लेखन कार्य पसंद आए तो हमें Support करें और अपना प्यार बनाए रखें।

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