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देवर ने किया भाभी को प्रेगनेंट | Devar Ne Kiya Bhabhi Ko Pregnant | Hindi Crime Story | Real Crime Story | Best Crime Stories in Hindi

आज की इस कहानी का नाम है - " देवर ने किया भाभी को प्रेगनेंट " यह एक Real Crime Ki Kahani है। अगर आपको भी Crime Stories, New Crime Stories पढ़ें।
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हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई Series में आप सभी का स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है - " देवर ने किया भाभी को प्रेगनेंट " यह एक Real Crime Ki Kahani है। अगर आपको भी Crime Stories, New Crime Stories या Real Crime Stories पढ़ने का शौक है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।

देवर ने किया भाभी को प्रेगनेंट | Devar Ne Kiya Bhabhi Ko Pregnant | Hindi Crime Story | Real Crime Story | Best Crime Stories in Hindi

Devar Ne Kiya Bhabhi Ko Pregnant | Hindi Crime Story | Real Crime Story | Best Crime Stories in Hindi


 देवर ने किया भाभी को प्रेगनेंट

रात के समय...
दीपक," हैलो ब्रदर ! क्या हुआ, नींद नहीं आ रही आपको ? तो आप भी ना भाभी की दवाई खा लिया करो, जब मस्त नींद आएगी। 

अरे ! चिल्ल... अब मैं केवल भाई नहीं होने वाला बहनोई भी हूँ। अनीता मेरी भाभी नहीं, मेरी साली है और साली तो आधी घरवाली होती है ना ? "

यह कहते हुए दीपक तनू के जिस्म से उसकी साड़ी खींचने लगता है। उसे लगता है कि तनू के ऊपर नींद की गोली का असर हो चुका है। 

लेकिन तनू जानबूझकर नींद में होने का दिखावा कर रही थी। जैसे ही दीपक अपनी गंदी हरकतें शुरू करता है, तनू अपनी आंखें खोल देती है। यह देखकर दीपक चौंक जाता है।

फ्लैश बैक...
तनू का पति कुलदीप बीमारी का शिकार है। इस बीमारी के कारण उसका पूरा शरीर बिना किसी हलचल के स्थिर बना रहता है। 


एक दिन वह कुर्सी से गिर जाता है। उसके मुंह से झाग निकल रहा होता है। तभी तनू कमरे में आती है। 

तनू," सूरज, क्या हुआ ? आप ठीक तो हो ना ? आप इन दवाइयों की बात कर रहे हो ? क्या इन दवाइयों में कुछ गड़बड़ है ? "

तनू इस बात की हकीकत जानने के लिए डॉक्टर की सलाह लेती है। 

तनू (फोन पर)," जी डॉक्टर, कहिये। क्या...? वो विटामिन की नहीं नींद की गोलियां हैं। "

फ्लैशबैक समाप्त...
तनू को दीपक की करतूत की सारी सच्चाई पता चल जाती है। वह उसे एक जोर का तमाचा मारती है। जैसे ही वह दूसरा तमाचा मारने चलती है, दीपक उसका हाथ पकड़ लेता है। 

दीपक," छोड़ मेरा हाथ, शर्म नहीं आती तुझे ? भाभी मां सामान होती है। अब आप ये इतिहास के डायलॉग्स मारोगे। 

नहीं आती शरम मुझे‌। अच्छी लगी हो तुम मुझे। 

पहली बार किसी लड़की पर मेरा दिल आया है और अच्छा हुआ सबको पता चल गया यार। तुम्हारे साथ रात बिताने का मज़ा ही कुछ और है। "

तनू," तेरी ये घटिया सोच कभी पूरी नहीं होगी। मैं सबको सच बता दूंगी। "

दीपक," कौन करेगा भरोसा ? सब यही समझेंगे कि इसका पति उसे कभी सुखी नहीं रख पाया। कभी भरोसा नहीं करेंगे। 

रही बात तुम्हारी घरवालों की, तो क्या बताओगी तुम उन्हें ? तुम्हारी बहन अदिति बहुत प्यार करती है, उसका दिल टूट जाएगा और आपको पता नहीं कितनी इज्जत ख़राब होती है एक औरत की भाभी। "

तनू," मेरे परिवार वालो की सोच इतनी छोटी नहीं है कि इज्जत के लिए वो मेरी बहन की जिंदगी बर्बाद करेंगे, समझे ? "

एक सुबह...
तनू," अदिति...। "

अदिति," दीदी। "

तनू," मुझे तुझसे कुछ बात करनी है। "

अदिति," दीदी, मुझे विकास ने सब बता दिया हैं। सॉरी... रियली सॉरी, दीदी।"

 तनू," सॉरी..? "

अदिति," हाँ, मैंने तो सारे प्रोटेक्शन यूज किए थे। फिर भी पता नहीं कहां से मैं प्रेग्नेंट हो गई। लेकिन दीदी घबराने की कोई बात नहीं। 

मैंने दीपक से बात कर ली है। उसने उषा आंटी से भी बात कर ली है। हम लोग 2 दिन बाद ही कोर्ट मैरिज कर रहे है। "

तभी वहां दीपक कार से आता है। 


दीपक," भाभी आप चिंता मत कीजिये, मैं हूँ अदिति के साथ। उसकी इज्जत पे कोई भी उंगली नहीं उठा सकेगा। "

अदिति," अच्छा... अब हमें लगता है कि हमें घर जाना चाहिये। "

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ये कहकर अदिति वहां से चली जाती है। दीपक और तनू अभी वहीं खड़े होते हैं। तनू अपनी बहन की जिंदगी के बारे में सोच रही होती है।

दीपक," भाभी। "

तनू अभी भी सोच में डूबी हुई है।

दीपक," भाभी, कहां खो गई ? अब घर चलें ? "

दीपक तनू को कार में बैठाकर घर ले जाता है।

दो दिन बाद...

दीपक और अदिति की कोर्ट मैरिज हो जाती है। दोनों ग्रह प्रवेश कर सबका आशीर्वाद लेते हैं। 

दीपक आशीर्वाद लेने के बहाने तनू के पैर ने छूकर उसकी साड़ी को ऊपर करता हुआ स्पर्श करता है। तनू को यह बहुत बुरा लगता है। 

लेकिन फैमिली के सामने वह खुद को नॉर्मल दिखाने की कोशिश करती है। इसके बाद दीपक अदिति के साथ कमरे में चला जाता है। 

आज उनकी सुहागरात होती है इसीलिए वह रोमांस में खो जाते हैं।

आधी रात को जब अदिति गहरी नींद में सो जाती है तब दीपक उठकर तनू के कमरे में जाता है। दीपक को कमरे में घुसता देख तनू जाग जाती है और वह कुलदीप को भी उठा देती है। 

दीपक अब अपने बड़े भाई के सामने इतना खुल चुका होता है कि वह बिना किसी शर्म के सब कुछ उसके सामने बोल देता है। कुलदीप जो की बीमारी का शिकार है अपने शरीर को हिल तक नहीं सकता। 

दीपक," हेलो भैया ! "

दीपक," हेलो भाभी ! तुमने अपनी सुहागरात मेरे साथ तो की नहीं, मैं भी तो अपनी स्वागत तुम्हारे साथ बनाऊंगा ना ? "

तनू," नहीं प्लीज़... अगर अदिति को पता चल गया तो ? "

दीपक," भाभी, किसी को कुछ नहीं पता चलेगा। "

तभी कुलदीप को गुस्सा आता है और वह अपने शरीर को इधर-उधर इस तरह छटपटाने लगता है जैसे कि वह दीपक को मारने की कोशिश कर रहा हो। 

दीपक," तुम चुप रहोअजय भईया। इतनी रात को शोर मत मचाओ, डिस्टर्ब होता है ना। ऐसा नहीं चलेगा, भैया, तुम मेरे साथ आओ। "

तनू," कहां लेकर जा रहे हो तुम इन्हें ? "

दीपक," जरा रुको तो भाभी। "

दीपक कुलदीप को गोद में उठाकर व्हीलचेयर पर बैठकर वॉशरूम में ले जाकर बंद कर देता है। कुलदीप बहुत छटपटाता है लेकिन कुछ नहीं कर पाता। 

दीपक," हॅव ए गुड टाइम भैया। "

तनू," तुम ऐसा क्यों कर रहे हो ? "


दीपक," भाभी, अच्छा नहीं किया क्या..? हम इस तरह रोमांस करते और भैया हमें ऐसे देखते तो उन्हें कितना हर्ट होता, सोचो ? 

सो भाभी, हमें भी तो प्राइवेसी चाहिए ना ? अरे भाभी तो रो रही है। 

भाभी रोइए मत। आपको तो मुझे थैंक यू बोलना चाहिए, जो काम भैया नहीं कर सकते वह काम में कर रहा हूं। "

दीपक तनू को बिस्तर पर लेटाकर उल्टी सीधी हरकतें करना शुरू कर देता है। चाहकर भी तनू कुछ नहीं कर पाती और दीपक की बत्तमीजी बर्दाश्त करती रहती है। 

दीपक वह सब करता है जो एक पति पत्नी के बीच होता है। 

कुछ समय बाद...
दीपक," अरे! भैया को तो बाथरूम से निकलना ही भूल गया। "

दीपक कुलदीप को बाथरूम से निकालने के लिए जाता है। तनू बिस्तर पर लेटी रो रही होती है। 

तभी दूसरे कमरे में सो रही अदिति की नींद खुल जाती है और वह देखती है कि दीपक बिस्तर पर नहीं है। वह आवाज देती हुई बिस्तर से खड़ी होती है और दीपक को ढूंढने लगती है। 

तभी वह तनू के कमरे में आती है। वह देखती है कि दीपक कुलदीप को व्हीलचेयर पर बैठाए बाथरूम से निकल रहा है। 

अदिति," दीपक, आप यहाँ क्या कर रहे हैं ? "

दीपक ( झिझकते हुए )," अरे ! वो भैया ना बाथरूम में गिर गए थे तो भाभी ने मुझे हेल्प करने के लिए बुलाया था। "

अदिति," ये दीदी इतना रो क्यों रही हैं ? आखिर ये क्या हो रहा है ? "

दीपक," अरे ! भैया को इस हालत में देखकर उनका मन भर आया। "

दीपक," भाभी आप चिंता मत कीजिए, मैं हूँ ना ? "

यह कहते हुए दीपक आदित्य के साथ उनके कमरे से बाहर चला जाता है। तनू कुलदीप से लिपटकर बुरी तरह रोने लगती है। 

अगले दिन लंच के समय...
सास," शुरू के तीन महीने ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। "

तनू," मां जी आप चिंता मत कीजिए, मैं अदिति का पूरा ध्यान रखूंगी। "

सास," तू जानती है... यहाँ से पूरे 2 घंटे की दूरी पे अपनी कुलदेवी का मंदिर है। वहाँ मैंने होने वाले बच्चे के लिए पूजा रखवाई है परसों। लेकिन वहाँ मंदिर में सीढ़ियां बहुत हैं। "

तनू," आप तीनों हो आना, मैं यहाँ पर कुलदीप के साथ रहूंगी। "

तभी तनू को कुछ अजीब लगता है। वह उठकर बाथरूम में जाती है और उसे उल्टी हो जाती है। पीछे-पीछे दीपक भी जाता है। "

दीपक," तुम प्रेगनेंट हो? "

तनू," हां। "


दीपक," शिट...। सुनो, मैं डॉक्टर साहब अपॉइंटमेंट ले रहा हूँ। मैं, अदिति और मां जी मंदिर जाएंगे। वहां से वापस आने पर हम अवोशन करवाने चलेंगे। "

तनू," नहीं प्लीज़, एऐसा मत करना। मैं अपने बच्चे को नहीं मारुंगी। मैं अपने बच्चे को नहीं गिराऊंगी। "

दीपक," ये तुम्हारा ही नहीं मेरा भी बच्चा है और ये बच्चा है ना, मुझे नहीं चाहिए। मुझे एक बात बताओ, तुम क्या बोलोगी ? ये बच्चा तुम्हारे पेट में कैसे आया ? "

तनू," मैं कुलदीप को लेकर ये शहर छोड़कर चली जाउंगी और एक साल बाद जब कोई मुझसे पूछेगा, ये बच्चा किसका है तो मैं कह दूंगी, मैंने ये गोद लिया है। लेकिन प्लीज़... प्लीज़ तुम इसे मत मारना, प्लीज़। "

दीपक ," दिमाग खराब हो गया है ? पागल हो क्या ? ज्यादा होशियारी की तो जैसे तेरे पति को सीढ़ियों से गिराकर पैरालिसिस का शिकार बना दिया ऐसे ही तुझे कर दूंगा। "

मंदिर जाते समय रास्ते में...
दीपक (फोन पर)," हैलो ! क्या... क्लाइंड के साथ अर्जेंट मीटिंग है ? ओह गॉड ! "

मां," क्या हुआ बेटा ? "

दीपक ," ऑफिस से अर्जेंट मीटिंग का कॉल आया है तो मुझे जाना पड़ेगा। आप एक काम कीजिए, ड्राइवर के साथ जाइए। मैं 2-3 घंटे में काम करके आ रहा हूँ। "

मां," ठीक है, संभाल के जा। "

घर पर...
तनू किचन में अकेली अपने बच्चों के बारे में सोच रही होती है। 

तनू," सॉरी सूरज ! अपने बच्चे को मारकर ऐसी जिंदगी से जीने से अच्छा है कि मैं मर जाऊं। "

वह तेज धार वाला चाकू उठाती है और अपने पेट में मारने ही वाली होती है कि तभी वहां दीपक आ जाता है और उसे रोक लेता है। 

दीपक," अरे भाभी ! इतनी जल्दी तुम मुझे कैसे छोड़ के जा सकती हो ? "

तनू," छोड़ो, छोड़ो दो मुझे... छोड़ो मुझे। "

किसी तरह तनू अपने आपको दीपक से छुड़ाकर घर से बाहर की ओर भागती है। 

दीपक," आपका प्यारा पति मेरे पास है, चुपचाप वापस आ जाइए भाभी। भाभी...भाभी। "

तनू उल्टे पांव दीपक के पास जाती है।

दीपक," काफी देर कर दी आपने। "

तनू," इन्हें छोड़ दो प्लीज़। "

दीपक," आप चुपचाप मेरे साथ चलिये वरना भैया को इसी पानी में...। "

तनू," नहीं, प्लीज ऐसा मत करना। मैं तुम्हारे हाथ छोड़ती हूँ। "

दीपक," अब आप ही सोच लीजिये आप अपने प्यारे पति को बचाना चाहते हैं, या फिर बच्चे को। "

इन्स्पेक्टर," दीपक, अपने भाई को छोड़ दो वरना गोली मार दूंगा। "


फ्लैश बैक...
अदिति," दीदी....जीजू, सॉरी डिस्टर्ब किया। वो अक्चुअली मेरी मल्टी विटामिन की दवाई खत्म हो गई है तो दीदी से वही लेनी थी। "

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तभी तनू बाथरूम से कमरे में आती है और अदिति को रोकते हुए कहती है। 

तनू," ये विटामिन की नही नींद की गोलियां हैं। "

अदिति," नींद की गोलियां..? लेकिन ये आपके पास क्या कर रही हैं ? बोलो दीदी ? "

फ्लैश बैक समाप्त...
अदिति दीपक को खींच के तमाचा मारती है। 

अदिति," जब दीदी ने मुझे तुम्हारी सच्चाई बताई थी तो मैंने उन पर बिल्कुल भी यकीन नहीं किया था। सोच भी नहीं सकती कि तुम इतने गिरे हुए इंसान हो सकते हो। 

लेकिन जब मंदिर जाते समय तुमने मीटिंग का बहाना बनाया, तुम कार से उतर गए, तब मैं समझ गई कि दीदी जो भी कह रही थी, सच कह रही थी। तुम हो ही ऐसे। "

इसके बाद पुलिस दीपक को ले जाकर जेल में डाल देती है।

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